तुम्हारा यूं मिलना कोई इत्तेफाक ना था, जमाना क्या कहता है, अब कोई मतलब नहीं रहा, सिर्फ तन्हाई है साथ मेरे, और कोई याद नहीं रहा। मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा, Urdu language is full of so many https://youtu.be/Lug0ffByUck