कामाख्या देवी का २२ अक्षर का मन्त्र ‘कामाख्या तन्त्र’ के चतुर्थ पटल में कामाख्या देवी का २२ अक्षर का मन्त्र उल्लिखित है- अवगड़ का चेला, फिरूँ अकेला, कभी न शीश नवाऊंगा ॐ ह्रीँ अगण्यपुएयसम्पन्नायै पद्मावत्यै नमः । बिल्ववृक्ष के मूल में शिवजी का पूजन करते हुए श्रीसूक्त से मंत्र https://emiliollihd.bloggosite.com/39112273/a-simple-key-for-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra-unveiled