मोहिनी शब्द को भगवान् विष्णु के मोहिनी अवतार से लिया गया है. इस रूप को देखते ही सब उनके मोहन में बंध गए थे. लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं (अमुका) नमः सर्वजन सम्मोहनाय स्वाहा॥ धन और व्यापार: धन की समस्याओं और व्यापारिक मुद्दों के समाधान https://hectorcjpwc.blogs100.com/36221435/not-known-factual-statements-about-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए